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विषय _घटता आंचल शीर्षक_गहरी चोट विधा_कविता +++++++++++++++++++++++ घटता आंचल घट रहा ,युग परिवर्तन हो रहा।संभलने वाले संभल जाओ ,आंचल का ऋण चुकाओ। घटताआंचल मुझसे कहता,मानवता पर गहरी चोट। इतना पतित ...